Google advertisement आज के डिजिटल मार्केटिंग का सबसे तेज़ और असरदार तरीका है, लेकिन अगर इसमें छोटी- सी भी गलती हो जाए तो यह आपके पूरे बजट को बर्बाद कर सकता है । बहुत बार ऐसा होता है कि कैम्पेन की सेटिंग और मैनेजमेंट में छुपी हुई गलतियाँ आपके रिज़ल्ट को प्रभावित कर देती हैं, और आपको पता भी नहीं चलता ।
यहाँ हम जानेंगे PPC में 7 गलतियाँ और उन्हें कैसे सुधारें इस PPC Campaign Optimization in Hindi blog में और उनके प्रैक्टिकल समाधान ताकि आप अपने विज्ञापनों से बेहतर ROI पा सकें ।
1. कैंपेन स्ट्रक्चर को ज़रूरत से ज़्यादा बाँटना( Over segmenting push Structure)
कई मार्केटर्स यह सोचकर अपने कैंपेन को बहुत छोटे- छोटे हिस्सों में बाँट देते हैं कि इससे रिज़ल्ट बेहतर आएंगे । उदाहरण के लिए, एक ही तरह के प्रोडक्ट के लिए अलग- अलग शहर, उम्र या जेंडर के लिए अलग- अलग कैंपेन बना देना ।
हालाँकि कुछ मामलों में यह सही है, लेकिन बहुत ज़्यादा सेगमेंटेशन करने से आपका डेटा बिखर जाता है और आपको यह समझना मुश्किल हो जाता है कि असल में कौन- सा ऐड अच्छा चल रहा है ।
क्यों गलत है
- डेटा बहुत बिखर जाता है, जिससे परफॉर्मेंस एनालिसिस मुश्किल हो जाता है ।
- बजट बहुत सारे छोटे- छोटे कैंपेन में बंट जाता है, जिससे किसी एक कैंपेन को सही डेटा नहीं मिलता ।
कैसे सुधारें
- केवल ज़रूरत के अनुसार ही कैंपेन को विभाजित करें ।
- समान ऑडियंस और प्रोडक्ट्स को एक ही कैंपेन में रखें ।
- पहले ब्रॉड स्ट्रक्चर से शुरुआत करें और फिर ज़रूरत के अनुसार सेगमेंटेशन बढ़ाएँ ।
2. A/ B टेस्टिंग को नज़रअंदाज़ करना
A/ B टेस्टिंग का मतलब है कि आप एक ही ऐड के अलग- अलग वर्ज़न बनाकर चलाएँ और देखें कि कौन- सा वर्ज़न बेहतर रिज़ल्ट दे रहा है ।
उदाहरण के लिए: आप एक ऐड में “ Buy Now ” CTA लिखते हैं और दूसरे में “ Shop Today ” — फिर देखते हैं कि किससे ज्यादा क्लिक और कन्वर्ज़न मिलते हैं ।
क्यों गलत है इसे इग्नोर करना
- आप बिना टेस्टिंग के अंदाज़े पर ऐड चला रहे हैं ।हो सकता है कि आपका मौजूदा ऐड अच्छा परफॉर्म न कर रहा हो और आप पैसे बर्बाद कर रहे हों ।
कैसे सुधारें
- हमेशा हेडलाइन, डिस्क्रिप्शन, इमेज, वीडियो और CTA के अलग- अलग वर्ज़न टेस्ट करें ।
- हर टेस्ट को कम से कम 1- 2 हफ्ते चलाएँ ताकि पुख्ता रिज़ल्ट मिल सके ।
- सबसे अच्छा परफॉर्म करने वाले वर्ज़न को ज्यादा बजट दें और बाकी को हटा दें ।
3. PMax कैंपेन में सिर्फ एक ही Asset Group इस्तेमाल करना
Performance Max( PMax) कैंपेन Google advertisements का एक एडवांस्ड फीचर है जो आपकी ऐड को Google Search, Display, YouTube, Gmail और Discover जैसे कई प्लेसमेंट पर दिखाता है । लेकिन कई लोग इसमें सिर्फ एक ही Asset Group डालते हैं । इससे Google के पास टेस्टिंग और टारगेटिंग का दायरा कम हो जाता है ।
क्यों गलत है
- अलग- अलग ऑडियंस को अलग मैसेज दिखाने का मौका खो देते हैं ।
- Google कम डाटा से सीखता है, जिससे ऐड की परफॉर्मेंस घट सकती है ।
कैसे सुधारें
- अलग- अलग ऑडियंस सेगमेंट के लिए अलग Asset Group बनाएं ।
- हर Asset Group में अलग इमेज, वीडियो, हेडलाइन और डिस्क्रिप्शन डालें ।
- लगातार मॉनिटर करें कि कौन- सा Asset Group बेहतर परफॉर्म कर रहा है और उसी को ऑप्टिमाइज़ करें ।
4. ऐड एसेट्स को नज़रअंदाज़ करना
announcement means( पहले इन्हें Extensions कहा जाता था) जैसे Sitelinks, Call Extensions, position Extensions, Image means आपके ऐड को ज्यादा आकर्षक और क्लिक करने लायक बनाते हैं । लेकिन कई लोग इन्हें जोड़ना भूल जाते हैं या सालों से अपडेट नहीं करते ।
क्यों गलत है
- आपके ऐड में अतिरिक्त जानकारी नहीं दिखती, जिससे CTR( Click Through Rate) कम हो जाता है ।
- प्रतिस्पर्धी के मुकाबले आपका ऐड फीका लगता है ।
कैसे सुधारें
- हमेशा Sitelink, Callout, Location और Image means जोड़ें ।
- अपने ऑफ़र्स, डिस्काउंट और नए प्रोडक्ट की जानकारी means में अपडेट करें ।
- अलग- अलग ऐड ग्रुप्स के लिए कस्टम means बनाएं ।
5. First- Party Data को इग्नोर करना
First- Party Data मतलब आपका खुद का कस्टमर डेटा — जैसे आपके CRM, ईमेल सब्सक्राइबर, वेबसाइट विज़िटर और खरीदारों की लिस्ट । यह डेटा आपके लिए सोने की खान जैसा है क्योंकि इससे आप उन लोगों को फिर से टारगेट कर सकते हैं जो पहले से आपके ब्रांड को जानते हैं ।
क्यों गलत है इसे इग्नोर करना
- आप cold wave ऑडियंस पर ज्यादा पैसा खर्च कर देते हैं ।
- पहले से दिलचस्पी रखने वाले ग्राहकों को रीमार्केट नहीं कर पाते ।
कैसे सुधारें
- CRM, ईमेल लिस्ट और वेबसाइट विज़िटर डेटा को Google Advertisements में अपलोड करें ।
- Remarketing और analogous followership कैंपेन चलाएँ ।
- पुराने ग्राहकों को नए ऑफ़र्स और प्रोडक्ट अपडेट भेजें ।
6. कन्वर्ज़न ट्रैकिंग को गलत मैनेज करना
अगर आपका कन्वर्ज़न ट्रैकिंग सही से सेट नहीं है, तो आपको गलत डेटा मिलेगा और आप गलत फैसले लेंगे । उदाहरण के लिए, अगर आपका लक्ष्य बिक्री बढ़ाना है लेकिन आपने सिर्फ पेज विज़िट को कन्वर्ज़न मान लिया है, तो आप असल बिक्री को ट्रैक ही नहीं कर पाएंगे ।
क्यों गलत है
- आपको पता ही नहीं चलता कि पैसा कहाँ खर्च हो रहा है और क्या रिटर्न मिल रहा है ।
- गलत डेटा के आधार पर आप बजट और स्ट्रेटेजी तय करते हैं ।
कैसे सुधारें
- हर ज़रूरी कन्वर्ज़न( जैसे बिक्री, लीड फॉर्म, फोन कॉल) को सही तरह से ट्रैक करें ।
- Google Tag Manager या Global Site Tag का सही इस्तेमाल करें ।
- समय- समय पर टेस्ट करें कि ट्रैकिंग सही काम कर रही है या नहीं ।
7. एक साथ बहुत सारे बदलाव करना
Google ads कैम्पेन में एक साथ Multiple Changes करने से यह Identify करना मुश्किल हो जाता है कि किस बदलाव का क्या असर हुआ।
उदाहरण के लिए, अगर आपने Multiple Keywords में Changes या , Cost बढ़ाया और Ads कॉपी भी Change कर दी — और अगले दिन रिज़ल्ट अच्छे आए, तो आपको पता नहीं चलेगा कि किस Changes से फायदा हुआ।
क्यों गलत है
- विश्लेषण करना मुश्किल हो जाता है।
- अच्छे बदलाव का पता नहीं चल पाता और गलत बदलाव भी चलते रहते हैं।
कैसे सुधारें
- बदलाव एक-एक करके करें और हर बदलाव के बाद कम से कम 1-2 हफ्ते डेटा इकट्ठा करें।
- बदलाव करते समय नोट्स बनाएं ताकि बाद में एनालिसिस आसान हो।
- छोटे टेस्ट से शुरुआत करें और फिर बड़े बदलाव लागू करें।
PPC में सफलता सिर्फ पैसा लगाने से नहीं आती, बल्कि सही मैनेजमेंट और गलती-रहित स्ट्रेटेजी से आती है।
अगर आप ऊपर बताई गई PPC Campaign Optimization in Hindi blog में बताई गई 7 गलतियों से बचेंगे और उन्हें सही समय पर सुधारेंगे, तो आपके कैम्पेन का परफॉर्मेंस और ROI दोनों बेहतर होंगे।
याद रखें — PPC में स्मार्ट वर्क, हार्ड वर्क से ज्यादा मायने रखता है।